सोनभद्र: सोनभद्र। राबर्ट्सगंज के विवेकानन्द प्रेक्षागृह में स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर जिला प्रशासन व नगर पालिका परिषद के संयुक्त तत्तवाधान में साहित्यकार जगदीश पंथी के संयोजकत्व में राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत काव्य संध्या का आयोजन किया गया। पंडित पारसनाथ मिश्र की अध्यक्षता में तथा सुशील कुमार राही के मुख्य अतिथित्व में कार्यकम संपन्न हुआ। काव्य संध्या में राष्ट्रीय स्तर के कवि गणों के द्वारा एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत की गई। काव्य संध्या का शुभारंभ नगर पालिका परिषद के अध्यक्षा रूबी प्रसाद, सूचना निदेशक विनय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग बौद्धिक प्रमुख धनंजय पाठक, गुप्तकाशी विकास परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार चतुर्वेदी द्वारा मां वीणा वादिनी के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया, तत्पश्चात कवित्री अनुपम वाणी के द्वारा मां के लिए वंदना प्रस्तुत किया गया। काव्य संध्या के मुख्य अतिथि सुशील कुमार राही ने रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि" मेरे आस्तीनों में बसने वाले सांप तुम धन्य हो मेरी बधाई स्वीकारो" अर्थात राही का यह कहना रहा की मैं ढेर सारा विश्व की तरह पी रहा हूं फिर भी चंदन की तरह जी रहा हूं यहां चंदन की तुलना का संकेत उन्होंने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से किया। अध्यक्षता करते हुए पंडित पारसनाथ मिश्र ने कहा कि जो देश हित में मरने को तैयार नहीं,उसे देश में रहने का अधिकार नहीं " अर्थात जिसको राष्ट्र से प्रेम नहीं उसे राष्ट्र में रहने का अधिकार नहीं क्योंकि हमारे देश के विरोधियों का प्राण हमारे देश के छुपे गद्दारों में ही बसता है अब वह समय आ गया है जब गद्दारों को पहचाना जाए तथा देश निकाला किया जाए।
सोनभद्र: देश के विरोधियों का प्राण हमारे देश के छुपे गद्दारों में ही बसता है अब वह समय आ गया है जब गद्दारों को पहचाना जाए तथा देश निकाला किया जाए