तमिलनाडु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अरियालुर जिले में चोल साम्राज्य के शासक राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने गंगैकोंडा चोलपुरम मंदिर का दौरा किया और देश की प्रगति के लिए प्रार्थना की। पीएम मोदी ने कहा कि चोल राजाओं ने श्रीलंका और मालदीव जैसे क्षेत्रों के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाए। उन्होंने चोल साम्राज्य को भारत की अपार क्षमता का प्रमाण बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तमिलानाडु की यात्रा पर हैं। राज्य में चोल साम्राज्य के महान शासक राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम तमिलनाडु के अरियालुर जिले में आयोजित किया गया था।इस दौरान पीएम मोदी ने गंगैकोंडा चोलपुरम मंदिर का दौरा किया, यहां पर उन्होंने पूजा अर्चना भी की। इसके एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक मंदिर में, मैंने देश भर के 140 करोड़ लोगों की भलाई और देश की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की। इतिहासकारों का मानना है कि चोल साम्राज्य भारतीय इतिहास के स्वर्णिम युगों में से एक है। यह काल अपनी उल्लेखनीय सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। अक्सर लोकतंत्र का उद्गम स्थल माने जाने वाले चोल साम्राज्य ने भारतीय संस्कृति के पोषण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजेंद्र चोल ने उत्तरी क्षेत्रों से पवित्र गंगा जल लाकर दक्षिण में प्रतिष्ठित किया। इस पवित्र जल को चोल गंगा झील में अर्पित किया गया, जिसे आज पोन्नेरी झील के नाम से जाना जाता है।