सोनभद्र: सोनभद्र। जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कुछ लोगों की मदद से कई मेडिकल स्टोर पर नशीले के टैबलेट बेचे जा रहे हैं। इससे युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। राबर्ट्सगंज में संचालित एक मेडिकल स्टोर से जुड़ा व्यक्ति छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर तक नशीले टैबलेट की सप्लाई करता था। गुरुवार की रात छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की पुलिस ने राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस की सहयोग से राबर्ट्सगंज के एक मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर नशीले टैबलेट की सप्लाई करने वाले को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। इसकी जानकारी मिलते ही नशीले टैबलेट की बिक्री करने वालों में हड़कप मच गया। पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक थाने में एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत है। 30.06.2025 को पुलिस को रात्रि को जरिये मुखबीर के माध्यम से सूचना मिला था कि टिकरापारा बिलासपुर निवासी कुनाल रजक अपने एक अन्य साथी के साथ पुराना बस स्टैण्ड के आस पास नशीले टैबलेट बेचने के फिराक में घुम रहा है। प्रकरण में विधिवत कार्यवाही कर प्रकरण में आरोपीगणों को पुलिस अभिरक्षा में लेकर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई। प्रकरण में आरोपी प्रिंस बारी, राहूल कुमार पाटले और कुनाल रजक न्यायिक रिमांड पर है। पूछताछ में प्रिंस बारी ने बताया कि वह अबिकापुर निवासी अभिषेक बारी के साथ मिलकर रॉबर्ट्सगंज के रहने वाले एक युवक से नशीला टेबलेट मंगवाकर बिलासपुर में राहुल कुमार और कुनाल रजक के माध्यम से बेचते थे। गुरुवार की रात में बिलासपुर जिले की फोर्स ने राबर्ट्सगंज में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान एक मेडिकल स्टोर से युवक को हिरासत में लेकर अपने साथ छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो गई। उधर जैसे ही लोगों को पता चला कि पुलिस ने जिस युवक को गिरफ्तार किया है वह नशीले टैबलेट का कारोबार करता है तो एक बार लोगों को विश्वास नहीं हुआ। कुछ लोगों ने बिलासपुर की पुलिस से बातचीत कर सच्चाई भी जानी। पुलिस ने युवक के खिलाफ नशीले टैबलेट के कारोबार करने के संबंध में पुख्ता साक्ष्य होने की जानकारी दी। इनसेट पूर्व में नशीले टैबलेट बेचे जाने का हो चुका है खुलासा सोनभद्र। जिले में पूर्व में पुलिस के हाथ से चढ़े कुछ नशेड़ियों ने भी पूछताछ के दौरान कई मेडिकल स्टोर से नशीले दवाएं बेची जाने की जानकारी पुलिस को दी थी। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन संबंधितों ने कारवाई नहीं की। इस वजह से जिम्मेदार लोगों के कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।