सोनभद्र: सोनभद्र। ओबरा तहसील क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में एक बार फिर से सड़क हादसा हो गया है। टीपर की चपेट में आने से दूसरे टीपर का चालक गम्भीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद पूरे खनन क्षेत्र में हड़कंप मच गई। आनन-फानन में संबंधित खदान के कर्मचारियों द्वारा गम्भीर रूप से घायल चालक को चोपन के निजी अस्पताल ले जाया गया, यहां से डॉक्टर ने कैलाश (40) को जिला अस्पताल भेज दिया, लेकिन रस्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी होने पर ओबरा थाने की पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराने में जुट गई है। जिला अस्पताल के मोर्चरी में मौजूद ओबरा थाना क्षेत्र के खैराही गांव निवासी रामबली ने बताया कि उसका भाई कैलाश सपरिवार तेलगुड़वा क्षेत्र में रहता था।
सोनभद्र: कैलाश टीपर चलाकर जीवकोपार्जन करता था। शनिवार की सुबह करीब पौने आठ बजे कैलाश टीपर लेकर अजंता मिनिरल्स माइंस में गया था। उन लोगों को एक व्यक्ति ने सूचना दी कि कार्य करने के दौरान दूसरे किसी टीपर ने कैलाश को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और जिला अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि गहनता से जांच होने पर ही पता चलेगा कि कैलाश को चोट कैसे लगी। उधर मृतक के मौत की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंच कर विलाप करने लगे । ओबरा थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि मेमो के जरिए खदान में किसी वाहन की चपेट में आने से चालक कैलाश के मौत की सूचना मिली है, जिसके आधार पर पोस्टमार्टम कराने की कार्यवाही की जा रही है। मृतक के परिवार की तरफ से अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। उधर सूत्रों की माने तो जिस खदान क्षेत्र में हादसा हुआ है, वहां पर चालकों को जो सुरक्षा कीट दिया जाना चाहिए वह उपलब्ध नहीं कराया गया था । इसकी उच्चस्तरीय जांच होने पर सच्चाई खुलकर सामने आ जाएगी। वही हादसे के बाद ही खनन क्षेत्र से जुड़े कुछ लोग मृतक के परिजनों को मनाने में जुट गए थे कि वह पुलिस को तहरीर न दे। इनसेट बच्चों के पालन-पोषण का संकट सोनभद्र। मृतक के भाई रामबली ने बताया कि मृतक कैलाश खनन क्षेत्र में कई साल से काम कर रहे थे । कैलाश को पांच बच्चे हैं, जिसमें तीन बेटी और दो बेटा है। प्रशासन से हमारी मांग है कि मृतक को न्याय मिले क्योंकि मृतक को छोटे-छोटे बच्चे हैं। उनका पालन पोषण कैसे होगा ये चिंता का विषय है।