लोकेशन - सोनभद्र
- आडिट में खुली अवैध खनन की पोल
जिनका परिवहन विभाग में रिकॉर्ड ही नहीं, उन वाहनों से हुई ढुलाई
2017-18 से 2021-22 के डेटा पर जारी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
एंकर - सोनभद्र। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने यूपी के सोनभद्र समेत कई जिलों में अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने के दावों की पोल खोल कर रख दी है। हजारों ऐसे वाहनों से खनिज की ढुलाई की गई जिनका परिवहन विभाग में रिकॉर्ड ही नहीं है। फर्जी नंबर वाले इन वाहनों को ई-ट्रांजिस पास दिए गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2017-18 से 2021-22 के डेटा पर जारी ऑडिट रिपोर्ट में सीएजी ने भारत सरकार के जून 1989 की अधिसूचना का उल्लेख किया है। इसके तहत हर राज्य को वाहनों के पंजीकरण के लिए अक्षरों का समूह आवंटित है। इसके बाद पंजीकरण प्राधिकरण का कोड और चार अंकों की संख्या जोड़ी जाती है। ऑडिट ने जब सोनभद्र में जारी ई-ट्रांजिट पास की जांच की तो उसमें हजारों वाहनों में फर्जी पंजीकरण नंबर का उपयोग पाया गया। इन वाहनों को 40 हजार से अधिक ई-ट्रांजिट पास जारी हुए हैं, जिनसे लाखों घन मीटर खनिजों का परिवहन किया गया। तीन हजार से अधिक ऐसे वाहन हैं जिन पर सात से कम अंक व अक्षर अंकित हैं।
इसके अलावा हजारों अवैध नंबर का कोई रिकॉर्ड परिवहन विभाग के वाहन डेटा बेस में उपलब्ध नहीं है। सूत्रों की मानें तो विभाग की ओर जुलाई 2023 में यह जवाब दिया गया था कि ई-ट्रांजिट पास पट्टा धारक-परमिट धारक वाहन मालिकों के बताए गए नंबर के आधार पर जारी किए जाते हैं। वाहन नंबरों की जांच का कोई तंत्र उपलब्ध नहीं था। सीएजी ने इस दलील को खारिज कर दिया था। नियमों के अनुसार रेत खनन का कार्य सुबह 6 से शाम 7 बजे तक किया जाना चाहिए। पर्यावरण मंजूरी की शर्तों में भी केवल दिन के समय सामग्री लोडिंग/परिवहन की अनुमति है। इससे इतर ऑडिट में पाया गया कि भारी संख्या में ई-ट्रांजिट पास रात 8 बजे से भोर के बीच बनाए गए। इनसे करोड़ों घन मीटर खनिज का परिवहन रात के अंधेरे में किया गया। नियमों के इस उल्लंघन से नदी किनारे के जीव-जंतुओं और पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ा। संबंधित अधिकारियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उधर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के बाद अवैध खनन में शामिल लोगों में हड़कप मच गया है। उधर एआरटीओ राजेश्वर यादव से वाहनों के संबंध में जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।