लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुई भारी बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। जल निकासी की बदहाल व्यवस्था के चलते मुख्य सड़कों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस स्थिति को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुई भारी बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। जल निकासी की बदहाल व्यवस्था के चलते मुख्य सड़कों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस स्थिति को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुई भारी बारिश के चलते शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई। जल निकासी की बदहाल व्यवस्था के चलते मुख्य सड़कों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस स्थिति को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा — “भाजपा सरकार की नई उपलब्धि: राजधानी लखनऊ की सड़कों को बना दिया नहर। विकास की पोल खोलती जलमग्न राजधानी।” उनकी इस टिप्पणी के साथ लखनऊ की एक प्रमुख सड़क की तस्वीर भी थी, जिसमें घुटनों तक पानी भरा दिखाई दे रहा था और लोग दुपहिया वाहनों को धक्का देते नज़र आए। जनता परेशान, प्रशासन बेखबर बारिश के कारण चारबाग, हजरतगंज, अलीगंज, गोमतीनगर, इंदिरा नगर समेत कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी रही। जगह-जगह जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई और स्कूली बच्चों व ऑफिस जाने वालों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया। स्थानीय लोगों ने नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि हर साल यही हाल होता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जा रहा। भाजपा का पलटवार भाजपा प्रवक्ताओं ने अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा के समय में तो लखनऊ में विकास दूर-दूर तक दिखाई नहीं देता था। वर्तमान सरकार लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर काम कर रही है, लेकिन असामान्य वर्षा के चलते अस्थायी परेशानियाँ उत्पन्न हो गई हैं। राजनीतिक माहौल गर्म बारिश को लेकर शुरू हुई यह बयानबाज़ी अब सियासी रंग ले चुकी है। विपक्ष जहाँ सरकार को “फेल” बता रहा है, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे विपक्ष की “नकारात्मक राजनीति” बता रहा है। आने वाले समय में यह मुद्दा नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों में भी गूंज सकता है।