उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग के जॉइंट डायरेक्टर एस.एन. सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में ऐसा आदेश जारी किया था, जिसमें जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की आशंका जताई गई थी। इस आदेश की भाषा और मंशा को लेकर गंभीर सवाल उठे, जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई की।
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग के जॉइंट डायरेक्टर एस.एन. सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में ऐसा आदेश जारी किया था, जिसमें जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की आशंका जताई गई थी। इस आदेश की भाषा और मंशा को लेकर गंभीर सवाल उठे, जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई की।
उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायती राज विभाग के जॉइंट डायरेक्टर एस.एन. सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में ऐसा आदेश जारी किया था, जिसमें जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की आशंका जताई गई थी। इस आदेश की भाषा और मंशा को लेकर गंभीर सवाल उठे, जिसके बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कहा कि "राज्य सरकार किसी भी जाति या धर्म के आधार पर किए गए भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेगी। ऐसी कोई भी कार्रवाई संविधान विरोधी है और शासन की नीति के विरुद्ध है।" मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी सरकारी कार्य और आदेश पूरी तरह से निष्पक्ष और संविधानसम्मत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में किसी भी तरह की जातिगत या सांप्रदायिक सोच के लिए कोई स्थान नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस आदेश की जांच भी शुरू कर दी गई है। उच्चस्तरीय समिति यह पता लगाएगी कि आदेश जारी करने के पीछे क्या मंशा थी और उसमें किस स्तर तक नियमों का उल्लंघन हुआ। इस कार्रवाई को शासन के पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति संकल्प के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासनिक हलकों में यह संदेश भी गया है कि कोई भी अधिकारी अगर संविधान और शासन की मूल भावनाओं के विरुद्ध कार्य करता है, तो उसे तत्काल दंडित किया जाएगा।