डॉ. हरिदत्त नेमी ने सीएमओ का पदभार संभाल लिया है, लेकिन उनकी नियुक्ति पर संकट बरकरार है। 18 अगस्त को उनके निलंबन याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, जिसके बाद पद पर बदलाव की संभावना है।
कानपुर में डॉ. हरिदत्त नेमी ने गुरुवार को सीएमओ का चार्ज ले लिया है। लेकिन उनके इस पद पर बने रहना आसान नहीं रहेगा। निलंबन के संबंध में हाईकोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई 18 अगस्त को होनी है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले में आख्या देंगे। इसके साथ ही स्थगनादेश की अवधि खत्म हो जाएगा। इसके बाद बदलाव हो सकता है।
हाईकोर्ट के स्थगनादेश के मद्देनजर जो शासनादेश जारी किया गया है उसमें सिर्फ निलंबन और संबद्धता के आदेश के स्थगित होने का जिक्र है। आदेश में इसका कोई जिक्र नहीं किया किया गया कि स्थगनादेश की अवधि समाप्त होने के बाद की स्थिति क्या होगी। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि स्थगनादेश से डॉ. नेमी पूर्व की स्थिति में आकर सीएमओ हो गए।
स्थगनादेश की अवधि खत्म होते ही वह निलंबन और संबद्धता की स्थिति में आ सकते हैं। इसके बाद शासन फैसला लेगा। साथ ही अन्य मामलों की जांच रफ्तार पकड़ लेगी। डॉ. उदयनाथ के आदेश में यह साफ कहा गया है कि अग्रिम आदेशों तक वह एसीएमओ श्रावस्ती के रूप में काम करेंगे। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि स्थगनादेश की अवधि समाप्त होते ही डॉ. उदयनाथ के तबादले और सीएमओ की नियुक्ति संबंधी शासनादेश फिर प्रभावी हो सकता है।
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