जिन्दा व्यक्ति की जगह मृतक के नाम भेज दी चलानी रिपोर्ट
पुलिस इनकाउंटर में मृत व्यक्ति की न्यायालय में भेजी चलानी रिपोर्ट
न्यायालय से भी मृतक के नाम नोटिस जारी कर दी गई
पुलिस का दावा भूलवश अनिल की जगह सुनील का नाम लिख गया
सोनभद्र। सोनभद्र के कुछ पुलिसकर्मी मृतक को भी जिंदा कर देते है, हां चौकिए मत अप्रैल 2007 को पुलिस एनकाउंटर में मृतक व्यक्ति को जिंदा दिखाते हुए पुलिस ने जुलाई 2025 में धारा 126/135 BNSS में चलानी रिपोर्ट न्यायालय को भेजी है। सबसे मजे की बात न्यायालय ने भी नोटिस जारी कर दी । उक्त बातें पिपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के राष्ट्रीय काउंसिल सदस्य विकाश शाक्य ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही ।
शाक्य ने बताया है कि सुनील उर्फ संजय कोल 30 को हार्डकोर इनामी नक्सली बताकर चंदौली पुलिस ने अप्रैल 2007 में एनकाउंटर कर दिया था, उसके पश्चात सुनील उर्फ संजय कोल की पत्नी सुषमा कोल को भी कई संदिग्ध मामले में नक्सली बताते हुए विभिन्न मुकदमे में जेल में बंद कर रखा गया। मुकदमे के ट्रायल और न्यायिक कार्रवाई के लंबे प्रक्रिया के वर्षों बाद छूट कर वापस घर आयी और अपनी गृहस्थी बसाई। माइक्रोफाइनेंस वालों के जबरन वसूली पर हुए विवाद मे सुषमा द्वारा प्रोटेस्ट करने पर माइक्रोफाइनेंस वालों के पक्ष में सुकृत चौकी पुलिस कोतवाली रॉबर्ट्सगंज पुलिस सक्रिय हुई, पुलिस की सक्रियता के पीछे माइक्रो फाइनेंस कंपनी था, परंतु सामने जमीनी विवाद था।वोयह जमीनी विवाद रवि, राधा देवी ,शंकर सोनी तथा मृतक सुनील तथा सुभाष के बीच रास्ता नाली बनाने के विवाद में संज्ञेय अथवा असंज्ञेय अपराध होने की संभावना पर रॉबर्ट्सगंज कोतवाली के सुकृत चौकी पुलिस ने धारा 126/135 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कार्रवाई करके रिपोर्ट उप जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दिनांक 6 फरवरी 2025 को भेज दिया। न्यायालय ने पुलिस के रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर मृतक सुनील को भी उपस्थित होने का संबंध नोटिस भेज दिया। पुलिस ने मृतक की उपस्थिति के लिए मृतक के पत्नी को सम्मन प्राप्त कराया। मृतक के पत्नी सुषमा परेशान न्यायालय में आई और संपूर्ण दस्तावेज के साथ न्याय की गुहार लगाई है। उधर मामला संज्ञान में आते ही एसपी अशोक कुमार मीणा ने सिटी सीओ रणधीर मिश्रा और कोतवाल गोपाल जी गुप्ता को तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। कोतवाल गोपाल जी गुप्ता ने बताया कि जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसके आधार पर सुनील और अनिल दोनों भाई है। अनिल का गांव के कुछ लोगों से विवाद चल रहा है। क्षेत्रीय तत्कालीन सब इंस्पेक्टर ने मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्ष के कुछ लोगों के खिलाफ धारा 126/135 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कारवाई करते हुए कोर्ट को चलानी रिपोर्ट भेजी है। भूलवश अनिल की जगह सुनील का रिपोर्ट में नाम अंकित है। जबकि उम्र अनिल का ही अंकित है। जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।
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