सोनभद्र। यूपी पुलिस में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने का मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मध्य प्रदेश के चार युवकों ने फर्जी जाति और निवास प्रमाण पत्र से नौकरी हथिया ली। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने चारों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सोनभद्र: सोनभद्र। यूपी पुलिस में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने का मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मध्य प्रदेश के चार युवकों ने फर्जी जाति और निवास प्रमाण पत्र से नौकरी हथिया ली। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने चारों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।पुलिस के मुताबिक घोरावल क्षेत्र में पुलिस भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मध्य प्रदेश के चार युवकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद पर नौकरी हासिल की। आरोपियों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया। जांच में पता चला कि सभी आरोपी एमपी के सिंगरौली जिले के रहने वाले हैं। उमेश कुमार वैश्य ने खुद को घोरावल का निवासी बताया। वह मझिगवा गांव का रहने वाला है। उमेश ने एससी श्रेणी में आवेदन किया, जबकि वह बैसवार जाति का है। यह जाति मध्य प्रदेश में ओबीसी श्रेणी में आती है। अन्य तीन आरोपियों में विजय कुमार तमई खैड़ार, राकेश सिंह बरगवां और दीपक कुमार पछुआर देवसर के निवासी हैं। इन सभी ने यूपी के स्थानीय निवासी होने का झूठा दावा किया। साथ ही अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का लाभ उठाया। घोरावल कोतवाली के इंस्पेक्टर राम स्वरूप वर्मा के अनुसार सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच जारी है।