सोनभद्र। आने वाले पांच साल में उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा। इसके लिए सोनभद्र को देश का पावर हब बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। पानी के जरिये आठ और कोयला आधारित तीन बिजलीघरों की स्थापना की जाएगी।
सोनभद्र: सोनभद्र। आने वाले पांच साल में उत्तर प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा। इसके लिए सोनभद्र को देश का पावर हब बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। पानी के जरिये आठ और कोयला आधारित तीन बिजलीघरों की स्थापना की जाएगी। प्रोजेक्ट को मंजूरी, जगह चिह्नित होने और मृदा परीक्षण समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। दावा है कि डेढ़ साल में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्ष 2030-32 तक इन परियोजनाओं के पूरा होने की उम्मीद है। इससे जिले में बिजली उत्पादन क्षमता 32970 मेगावाट हो जाएगी। जानकारी के अनुसार जिले में इस समय 2630 मेगावाट की अनपरा परियोजना, 2320 मेगावाट की ओबरा परियोजना, 1200 मेगावाट की लैंको परियोजना, 5000 मेगावाट की एनटीपीसी की रिहंद और सिंगरौली सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन शक्तिनगर, 1260 मेगावाट के रेणुसागर पावर प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा 300 मेगावाट का रिहंद और 99 मेगावाट का ओबरा जल विद्युत गृह स्थापित है। कुल 12809 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं से प्रतिदिन 11 से 12 हजार मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है। बताया जा रहा है कि सोन नदी किनारे बैजनाथ में 3600 मेगावाट, सोमा में 2400 मेगावाट, ससनई में 1750 मेगावाट, चेरूई में 1680 मेगावाट, चिचलिक में 1560 मेगावाट, झरिया में 1620 मेगावाट, पनौरा में 1500 मेगावाट, झारखंड से सटे बसुहारी में 1200 मेगावाट का पंप स्टोरेज पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे। बरसात के समय सोन नदी में बारिश और बाढ़ के आने वाले पानी को पंप के जरिए तीन स्टेज वाले बांध में इकट्ठा किया जाएगा। बांध में इकट्ठा पानी के जरिये टरबाइन चलाकर जरूरत के अनुसार बिजली पैदा की जाएगी। इसके अलावा, एनटीपीसी की तरफ से ओबरा डी, अनपरा ई और शक्तिनगर में 1600-1600 मेगावाट के नए पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी। सोन नदी के किनारे जिन जगहों पर पावर प्लांट स्थापित होने हैं, वह क्षेत्र औद्योगिक विकास से अछूता है। पावर प्लांट लगने के बाद यहां विकास के साथ साथ रोजगार भी उपलब्ध होगा। विनोद कुमार चौधरी, उपायुक्त उद्योग ने बताया कि शासन का जिले में ज्यादा से ज्यादा औद्योगिक विकास पर जोर है। जिले में 11 नए पावर प्लांट की स्थापना होनी है। निर्माण जल्द शुरू हो सके, इसके लिए डीएम के निर्देश पर औपचारिकताएं पूरी करने की कवायद चल रही है।